जनकपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज होते हैं परेशान, मनेंद्रगढ़ अस्पताल में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति, जनकपुर में एक भी नहीं......

Madan Tiwari

 जनकपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज होते हैं परेशान, मनेंद्रगढ़ अस्पताल में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति, जनकपुर में एक भी नहीं......

 डॉक्टरों की कमी के कारण जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौसमी बीमारियों के कारण अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग जाती है, मगर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने से मरीजों को घंटो इंतजार करना पड़ता है तब जाकर मरीजों का इलाज हो पाता है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ मे अभी बोंड डांक्टरों की भरती की गई है। जहां जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी गई है वहीं जिले में कुल 27 डॉक्टरों  की नियुक्ति की गई है। मगर जनकपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नही की गई है। जिससे ग्रामीणों में काफी गुस्सा भी है।

जबकि अब जनकपुर में एक लाख की आबादी की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सिर्फ तीन डॉक्टर्स उपलब्ध हैं। इमरजेंसी की स्थिति बनने पर मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में मरीजों को रेफर किया जाता है। इन दिनों अस्पताल में सवा सौ से अधिक की ओपीडी दर्ज हो रही है। 30 बेड के अस्पताल में 40 से 45 मरीजों भर्ती कर इलाज किया जा रहा हैं। यहां 25 डॉक्टर्स का सेटअप हैं। बीएमओ समेत एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक एम.बी.बी.एस कुल तीन डाक्टर ही जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य में पदस्थ है।

वही वार्ड नंबर एक कि पार्षद मालती मदन तिवारी का कहना है कि जनकपुर में डॉक्टरों की कमी कई वर्षों से है, और जनकपुर अस्पताल में एक भी बोंन्ड डॉक्टरों की भर्ती ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। वही जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोनोग्राफी की मशीन है जो ब्लैक एण्ड व्हाइट है, जिसका उपयोग आज तक जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं किया गया क्योंकि कोई ऑपरेटर नहीं है और मशीन भी पुरानी है। जिसके कारण ग्रामीण आंचल के लोगों को महंगे रेट में प्राइवेट संस्थानों में सोनोग्राफी करवाना पड़ रहा है। यदि यहां नई सोनोग्राफी मशीन और ऑपरेटर की नियुक्ति कर दी जाए तो मरीजों को राहत मिलेगी।

9 विशेषज्ञ चिकित्सको की जगह मात्र एक विशेषज्ञ:- किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए 9 विशेषज्ञ चिकित्सकों की अवश्यकता होती है मगर चिकित्सा विशेषज्ञ के नाम पर मात्र स्त्री रोग विशेषज्ञ ही पदस्थ है।

इन विशेषज्ञ चिकित्सको की है आवश्यकता :- अस्थी रोग, मेडिसिन, एनस्थीसिया,सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ चिकित्सको की आवश्यकता है ।

इमरजेंसी सेवा आरएमए और बीएएमएस के भरोसे:- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था बनाने के लिए फील्ड के आरएमए और बीएएमएस डॉक्टर की ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई जाती है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं। मौसमी बीमारी के सीजन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ लगी हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डॉक्टर्स की कमी हैं। यहां बहरासी, माड़ीसरई, कोटाडोल, कुवांरपुर और भरतपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से सिर्फ भरतपुर में ही एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ हैं।

ग्रामीणों ने कहा-छोटा सा एक्सीडेंट होने पर भी शहडोल रेफर किया जा रहा:- 

अमित दुबे,नितेश गुप्ता,अंकुर तिवारी, अभिमन्यु उपाध्याय व नगरवासियों ने बताया कि जनकपुर सीएचसी में डॉक्टर्स की मांग लम्बे समय से करते आ रहे हैं। यदि किसी का छोटा सा भी एक्सीडेंट हो जाता हैं, तो उस मरीज को जनकपुर से 105 किलोमीटर मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल रेफर किया जाता है या मनेंद्रगढ़ जिला अस्पताल जिसकी दूरी जनकपुर से 110 किलोमीटर है।


स्टॉफ की कमी, जानकारी भेजी गई :-

बीएमओ डॉ. रमन ने बताया कि डॉक्टर समेत मेडिकल स्टॉफ की कमी जानकारी अस्पताल से हर साल भेजी जाती हैं। डॉक्टर्स के कमी की वजह से चिकित्सकीय सेवा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। 

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