पड़ताल:- अधूरे प्रधानमंत्री आवास में दूसरे की फोटो अपलोड कर आवास को कागजों में किया गया पूर्ण, आवास मित्र से त्रस्त होकर ग्रामीणों ने की शिकायत

14 जून को लगभग दो दर्जन हितग्राही जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचे जहां इन ग्रामीणों के द्वारा लिखित शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी भरतपुर से की गई। शिकायत में ग्रामीणों ने खिरकी ग्राम पंचायत के आवास मित्र को हटाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि आवास मित्र मास्टर रोल जनरेट करवाता है तो अपना और अपने पत्नी का नाम मास्टर रोल में लिखता है जब कि ये कभी किसी आवास में काम करने आज तक नहीं गए।
अधूरे आवास को कागजों में कर दिया गया पूर्ण:- वही ग्राम पंचायत खिरकी में कुछ हितग्राही ऐसे भी हैं जिनका आवास कागजों में पूर्ण कर दिया गया है मगर हकीकत में इन हितग्राहियों का आवास आज भी अधूरा है, आवास मित्र द्वारा निरीक्षण विवरण में दूसरे के पूर्ण आवास की फोटो को अपलोड कर अधूरे आवास को पूर्ण कर दिया गया है। जैसे श्रीचंद पिता शिवकुमार की आवाज आईडी CG 2980154 है, सुखदेव पिता देवीदीन आवास आईडी CG2980151 है। शंकर सिंह बालंद पिता गोरेलाल आवास आईडी CH2976054 है।
अपने चहेतों का आवास पूर्ण ना होने पर भी आवास की पूरी किस्त निकला :- गांव में कुछ हितग्राही ऐसे भी हैं जो आवास मित्र के खास हैं उनके प्रधानमंत्री आवास का कार्य अभी डोर लेवल तक ही हुआ है मगर दूसरे की फोटो लगा लगाकर आवास मित्र ने इन हितग्राहियों की तीनों किस्त निकाल दी गई। जैसे कुंजल प्रसाद यादव पिता रामदुलारे जिसका आवास आईडी CH2429978 है, मुनीम यादव पिता उदयभान यादव जिसका आईडी क्रमांक CH2993755 है । इन हितग्राहियों का आवास मात्र डोर लेवल तक ही बना है।
मगर निरीक्षण विवरण में इनके आवास के कार्य को पूर्ण दिखा दिया गया है। और इनकी तीनों किस्त निकाल दी गई है।
प्रेम लाल सिंह के लड़के शमशेर सिंह ने बताया की प्रेमलाल सिंह का आवास टाप बीम तक पहुंच गया है। अभी तक मात्र एक किस्त 40000 ही मिला है। जनवरी महीने से आवास का काम बंद है।आवास मित्र को पैसे ना देने के कारण इसका जीरो टेक नहीं किया जा रहा है की इनको दूसरा किस्त मिल सके।
ग्राम खिरकी निवासी राममिलन ने बताया कि मास्टर रोल जनरेट करवाने के लिए₹200 आवास मित्र के द्वारा लिया गया। और पैसे लेने के बावजूद भी उनके आवास में जनरेट हुए मास्टर रोल को नहीं दिखाया गया। वही ग्राम खिरकी निवासी रामचंद्र ने बताया कि मेरे पिता का आवास स्वीकृत हुआ था, मगर उनका देहांत हो गया है आवास को ट्रांसफर करवाने के नाम पर आवास मित्र के द्वारा ₹5000 की मांग की जा रही थी। पैसे ना होने के कारण आवास मित्र को पैसे नहीं दे पाए। आज भी आवास ट्रांसफर नही हुआ।
यदि सही तरीके से जांच होती है तो ग्राम पंचायत खिरकी में ऐसे कई मामले सामने आएंगे। जिसमें अधूरे आवास को गलत तरीके से दूसरे की फोटो अपलोड करके आवास को पूर्ण दिखा दिया गया है।
मामले में आवास मित्र संजय यादव का कहना है की मेरे द्वारा कार्य पूर्ण होने का जीरो टैग नहीं किया गया। यह जांच होने पर पता चलेगा की जीरो टैग कसने किया है। मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह गलत है।
---------------------------------------------------------------------
Recap