ग्राउंड रिपोर्टिंग :- 24 नीलगिरी के पेड़ों की जगह अवैध तरीके से 45 पेड़ों को बिना अनुमति के ठेकेदार ने काटा...
Madan Tiwari
अप्रैल 03, 2025
ग्राउंड रिपोर्टिंग :- 24 नीलगिरी के पेड़ों की जगह अवैध तरीके से 45 पेड़ों को बिना अनुमति के ठेकेदार ने काटा...
नवीन नगर पंचायत जनकपुर में सड़क चौड़ीकरण के लिए अनुविभागीय अधिकारी जनकपुर राजस्व ने लोक निर्माण विभाग को 24 पेड़ काटने की अनुमति 14 फरवरी 2025 को दी थी। जिसके बाद ठेकेदार ने 24 नीलगिरी के पेड़ों की जगह 45 पेड़ों को काट दिया। जिसमें कुछ चिन्हांकित किए हुए पड़ों को नहीं काटा गया उसके ऐवज में ठेकेदार ने अन्य 45 पेड़ों को बिना अनुमति के काट दिया।
नीलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई मामले की जानकारी ना हीं राजस्व विभाग को है,ना लोक निर्माण विभाग को है, ना ही वन विभाग को है और ना ही नगर पंचायत जनकपुर को है की 45 नीलगिरी के पेड़ को किसने काटा और किसने कटे हुए पेड़ों को उत्तरप्रदेश परिवहन किया। जबकि नीलगिरी पेड़ों कि कटाई के समय घंटों रास्ता बंद रहा जिससे राहगीरों को तीन-तीन घंटे सड़क जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा इतना ही नहीं नीलगिरी पेड़ों की कटाई के समय विद्युत व्यवस्था भी कई घंटे बाधित रही। मगर किसी अधिकारी को कोई जानकारी नहीं है कि अवैध तरीके से नीलगिरी के पेड़ों को किसने काटा।
नगर पंचायत जनकपुर में हाइड्रा मशीन से 45 नीलगिरी के पेड़ों को काटा गया और ट्रैकों में लोड कर इन लकड़ियों को अन्य राज्य में परिवहन कर दिया गया। इस अवैध परिवहन से नगर पंचायत जनकपुर के राजस्व को लगभग 20 से 25 लाख का नुकसान हुआ है।
जिसकी शिकायत 20 मार्च 2025 को नगर पंचायत जनकपुर के अध्यक्ष और पार्षदों ने संयुक्त हस्ताक्षर कर जनकपुर थाने में लिखित आवेदन भी दिया था। मगर आज दिनांक तक जनकपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
। क्योंकि नीलगिरी के पेड़ों की कटाई वार्ड क्रमांक एक और वार्ड क्रमांक 15 से की गई थी। वार्ड क्रमांक एक की पार्षद मालती मदन तिवारी का कहना है कि क्योंकि नवीन नगर पंचायत जनकपुर होने के कारण नगर के विकास के लिए पैसों कि आवश्यकता होती है। अगर इन नीलगिरी के पेड़ों का पैसा नगर पंचायत के राजस्व में जमा होता तो इन पैसों से नगर पंचायत का विकास किया जा सकता था। मगर ठेकेदार लकड़ी ले गया और राजस्व का एक भी रुपए नगर पंचायत में जमा नहीं किया। क्योंकि यह नगर पंचायत के विकास का मामला है इसलिए दोषियों पर जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। और राजस्व के पैसे को नगर पंचायत जनकपुर में जमा करवाना चाहिए जिससे विकास कार्यों को और गति मिल सके।