सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे गए नीलगिरी के पेड़ गायब, नीलगिरी के पेड़ को किसने काटा किसने बेचा, किसी अधिकारी को जानकारी नहीं........

नवगठित नगर पंचायत जनकपुर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा जनकपुर के मनेंद्रगढ़ तिराहा से बनास नदी तक कुल 3.6 किलोमीटर रोड निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जिसके लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भरतपुर राजस्व से कुल 24 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद 14 फरवरी 2025 को अनुविभागीय अधिकारी भरतपुर राजस्व के द्वारा पेड़ों को काटने की अनुमति भी दे दी गई थी। जिसके बाद ठेकेदार ने नीलगिरी के पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। और कटे हुए पेड़ों को जनकपुर से अन्यत्र कहीं और भेज दिया गया। जिसकी जानकारी नगर पंचायत जनकपुर को नहीं दी गई और ना ही नगर पंचायत जनकपुर से नीलगिरी के पड़ों को काटने के लिए अनुमति ली गई। और ना ही कटे हुए नीलगिरी के पेड़ों को जनकपुर के काष्टागार में रखा गया। यह जानकारी किसी अधिकारी को नहीं है कि नीलगिरी के पेड़ों को किसने कटवाया और कहां बेचा गया।
मामले में उपवन मंडलाधिकारी जनकपुर (s.d.o) उत्तम पैकरा का कहना है कि हमारे विभाग के द्वारा नीलगिरी के पेड़ों को नहीं कटवाया गया है। और ना ही कटी हुई लकड़ीयो को काष्टागार में रखवाया गया है।
वहीं सी.एम.ओ नगर पंचायत जनकपुर रमेश द्विवेदी का कहना है कि नीलगिरी के पड़ों को कटवाने के लिए नगर पंचायत जनकपुर से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया है और ना ही नगर पंचायत में कोई राशि जमा करवाई गई है। नगर पंचायत जनकपुर को यह जानकारी नहीं है कि किसने लकड़ी कटवाया और किसने बेचा।
वही लोक निर्माण विभाग के एसडीओ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए 24 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गई थी। एस.डी.एम भरतपुर ने पेड़ों को काटने के लिए 14 फरवरी 2025 को अनुमति दी थी। मगर नीलगिरी के पेड़ों को किसने काटा और किसको बेचा यह जानकारी हमें उपलब्ध नहीं कराई गई। कटी हई लकड़ी को बेचने पर कितने पैसे आए यह जानकारी भी हमें नहीं है।