महीने में एक दिन खुलने वाला आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों को नहीं मिलता आंगनबाड़ी केंद्र में भोजन.....

Madan Tiwari

 महीने में एक दिन खुलने वाला आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों को नहीं मिलता आंगनबाड़ी केंद्र में भोजन.....

 सरकार बच्चों को कुपोषण मुक्त व शिक्षित करने लिए हर वर्ष लाखों रुपए खर्च कर रही हैं‌, लेकिन यह सिर्फ कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई हैं. यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. तो वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आफिस में बैठें-बैठें केवल कागजी आंकड़ों को उपर दिखा अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हैं. वे कभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच करने नहीं जातें कि वहां क्या चल रहा है, केन्द्र खुला हैं कि बंद ही रहता हैं, जिसके चलते जमीन धरातल पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं आम जनमानस तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है.

जनकपुर ब्लाक का आंगनबाड़ी केंद्र ओदरागडई जो महीने के एक ही दिन खुलता है। लगातार ग्रामीणों की शिकायत पर जब जनकपुर न्यूज छत्तीसगढ़ कि टीम शनिवार 24 अगस्त को ग्राम पंचायत ओहनिया के ओदरागडई पारा पहुची तो आंगनबाड़ी केंद्र में ताला बंद था तब समय दोपहर 11 बजे का था। आंगनबाड़ी केंद्र में एक भी बच्चे दिखाई नहीं दे रहे थे। आसपास पता करने पर जानकारी मिली कि सहायिका श्याम काली सिंह के पास आंगनबाड़ी केंद्र की चाबी है। हमारे बुलाने पर उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र का ताला खोला।

जहां दरवाजा में एक नोटिस चिपका हुआ था जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनूपा यादव  ने 3 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन लिखा हुआ था जिसमें तारीख डाली थी 23 जुलाई 2024 से 25 जुलाई 2024 तक। वही आज की तारीख 24 अगस्त है। इतना ही नहीं इस आंगनवाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए कभी भी खाना नहीं बनता है। क्योंकि यह  आंगनवाड़ी केंद्र कभी खुलता ही नहीं है। जबकि आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 25 बच्चे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र ओदरागडई के अंदर किसी प्रकार की खाघ समाग्री भी दिखाई नहीं दी। महिलाओं का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाला पोषक आहार जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलता है।वह भी महीने में एक बार ही मिलता है।

मामले में स्थानीय निवासी केसकली ने कहा कि मेरे दो बच्चे का आंगनबाड़ी केंद्र में नाम लिखा हुआ है। मगर आंगनबाड़ी केंद्र महीनों में एकात दिन ही खुलता है। बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र के लिए निकलते तो मगर खेलकूद कर वापस घर आ जाते, बच्चे घर में आकर खाना खाते हैं। क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्र में ताला बंद रहता है।

वही आरती यादव ने बताया कि जब से मुझे शादी होकर यहां आए 2 साल हो गया मैंने कभी आंगनबाड़ी केंद्र को खुला नहीं देखा। बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र जाते मगर आंगनबाड़ी केंद्र में ताला बंद रहता है। बच्चे खेल कुद कर वापस घर आ जाते हैं।

---------------------------------------------------------------------

Flashback