वन परिक्षेत्र कुवांरपुर में बना भ्रष्टाचार का बांध, स्टॉप डैम भी फूटा

Madan Tiwari

 वन परिक्षेत्र कुवांरपुर में बना भ्रष्टाचार का बांध, स्टॉप डैम भी फूटा

भ्रष्टाचार के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाला वन परिक्षेत्र कुवांरपुर का एक और कारनामा,जल संरक्षण के लिए जंगल में बना बांध चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट। जहां एक तरफ 10 महीने पहले बने स्टॉप डैम टूट गए। वही वन परिक्षेत्र कुवांरपुर के कुदरा बीट अंतर्गत बघऊर नाला में बनाया गया मिट्टी का बांध पहले बरसात में ही मरम्मत मांगने लगा। क्यों की बांध को सही तरीके से नहीं बनाया गया।और विभाग द्वारा पैसे का बंदरबांट कर दिया गया। बांध निर्माण कार्य के लिए लाखों रुपए खर्च कर दिए गए।
वन परिक्षेत्र कुवांरपुर के कुदरा बीट अंतर्गत बघऊर नाला में बनाए गए मिट्टी के बांध में सही मानक से कार्य नहीं किया गया। जैसे बांध के मुख्य दीवार में मात्र एक मीटर ही बोल्डर लगाया गया है जबकि बोल्डर को जमीन की सतह तक लगाना चाहिए था। वहीं बांध के मुख्य दिवार में बोल्डर कम लगे होने के कारण बांध की मिट्टी भी नीचे गिर रही है। 
वही बांध निर्माण कार्य में बांध से निकाली गई मिट्टी का उपयोग किया गया। जिसे बांध के किनारे की  मेंड में डाल दिया गया जिसकी उंचाई एक मीटर से भी कम है। जिसकी पिचिंग भी नहीं की गई मात्र मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया जिसकी वजह से बांध के किनारे कि दिवार भी बह गई है। जिसके कारण बांध का पानी भी बह गया है। जबकि इस मिट्टी के बांध को बने अभी साल भर भी नहीं हुआ है।

वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार करनें के लिए कहीं पर सूचना पटल में यह अंकित नहीं किया गया है कि बांध का निर्माण कार्य कितने लाख का है। इतना ही नहीं वन परिक्षेत्र कुवांरपुर द्वारा किसी भी निर्माण कार्य की जानकारी सूचना पटल में नहीं दी गई है कि आखिर किस मद से निर्माण कार्य करवाया गया है।

मामले में ग्रामीणों का कहना है यहां पर बांध बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी, मगर वन विभाग के द्वारा मनमानी तरीके से बांध बना दिया गया। क्योंकि बांध से 50 मीटर की दूरी पर ही स्टॉप डैम भी बनाया गया है जिससे पानी का रिसाव लगातार होता रहा है।यह बांध सिर्फ पैसे की बंदरबांट के लिए बनाया गया है। मगर अधिकारियों के निर्माण कार्य की जांच कभी नहीं होती है। जिस कारण यह अधिकारी लगातार जनहित के कामों में भी भ्रष्टाचार करते आ रहे हैं।इस वर्ष इतनी बारिश होने के  बावजूद भी बांध में नाम मात्र का ही पानी एकत्रित है।

एक स्टॉप डैम फूटा दो से हो रहा पानी का रिसाव :- 

शासन द्वारा जल संरक्षण करने के लिए स्टॉप डैम निर्माण कार्य करवाया जाता है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की गड़बड़ी से डैम में पानी संग्रहित नहीं हो पा रहा है। और साल भर के अंदर ही स्टॉप डैम दो हिस्सों में बंट गया है वहीं डैम के नीचे से पूरा पानी बह जा रहा है।


हम बात कर रहे हैं वन मंडल मनेंद्रगढ़ के वन परिक्षेत्र कुवांरपुर अंतर्गत कुदरा बीट के दुल्ही डेबरा नाला में वन विभाग के द्वारा लाखों रुपये की लागत से स्टॉप डैम का निर्माण कराया गया है, लेकिन डैम भ्रष्टाचार और बंदरबांट की भेंट चढ़ गया। भ्रष्टाचार की गवाही खुद स्टॉप डैम दे रहा है, जहां पहली बरसात में डैम में जमा पानी बह गया.डैम के नीचे से पूरा पानी निकल रहा है और डैम में  दरार आने के कारण दो हिस्सों में बट गई है। इस लिए निर्माण कार्य के गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है।


जांच टीम आई मगर कार्यवाही नहीं:- 

ग्राम पंचायत कुदरा निवासी गणेश तिवारी ने बताया कि दुल्ही डेबरा नाला में तीन स्टॉप डैम बनाए गए हैं। जिसमें दो स्टॉप डैम जिससे पानी का रिसाव हो रहा था और डैम को जंगल की गिट्टी से बनवाया गया है। जिसकी शिकायत हम लोगों ने पहले की थी। जांच टीम आई मगर किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं की गई। और ना ही स्टॉप डैम का मरम्मत कार्य करवाया गया।और तीसरा स्टाप डैम भी टूट गया।

जंगल की गिट्टी उपयोग कर बनवाया गया डैम:- 

इन लाखों के स्टॉप डैम के निर्माण कार्य में जंगल की गिट्टी का उपयोग किया गया है। जिसके कारण डैम के नीचे से पूरा पानी बह जा रहा है। निम्न स्तर की सामग्री उपयोग की गई जिसकी वजह से स्टॉप डैम बीचो-बीच फट गया है।

स्टॉप डैम बनकर तैयार मगर सूचना बोर्ड खाली :- 

आज तक सूचना पटल में ना राशि अंकित की गई है और ना ही किसी प्रकार से कोई सूचना लिखी गई। जो गलत है। सूचना पटल पर कुछ ना दर्शान भी भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा। डैम में भारी भ्रष्टाचार हुआ है जो खुद स्टॉप डैम इस भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा है.