सैकड़ो की संख्या में फलदार वृक्षों की अवैध कटाई जोरों पर...
Madan Tiwari
अप्रैल 16, 2025
सैकड़ो की संख्या में फलदार वृक्षों की अवैध कटाई जोरों पर...
हरे भरे फलदार वृक्षों की अवैध कटाई ने पर्यावरण संतुलन को खतरा उत्पन्न हो रहा है। सैकड़ो की सख्या में क्षेत्र से आम महुआ और जामुन के पेड़ों को अवैध तरीके से काटा जा रहा है। जबकि फलदार पेड़ को काटने की अनुमति ठेकेदार द्वारा राजस्व विभाग से नहीं ली गई है। तहसील क्षेत्र कोटाडोल अंतर्गत ग्राम पंचायत रांपा,कमर्जी ,नेरूआ, कारी माटी, खमरौध, भगवानपुर,अक्तवार में ठेकेदार द्वारा किसानों को लालच देकर 500 या हजार रुपए में पेड़ों की खरीदी की जा रही है। इन पेड़ों की कटाई मे कुछ आम के पेड़ ऐसे भी हैं जिसमें फल लगे हुए हैं । इन हरे भरे पेड़ों को काटकर उत्तरप्रदेश के लिए परिवहन कर दिया जा रहा है। सैकड़ो पेड़ कट जाने के बावजूद भी इन लकड़ी तस्करों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कुछ फलदार वक्षों को पट्टे की जमीन से बिना किसान के सहमति के ही काट दिया गया है। मामले में ग्रामीणों का कहना है कि दिन में पेड़ों को मशीन से काटा जाता है और रात में कटे हुए पेड़ों को अन्य राज्य के लिए परिवहन कर दिया जाता है। यह ठेकेदार बिना किसी डर भय के लगातार फलदार वृक्षों की कटाई करते आ रहे हैं।
ग्राम पंचायत खमरौध की सरपंच मालती सिंह ने बताया कि चुनाव के समय जब आचार संहिता लगा हुआ था कभी से ये लकड़ी तस्कर फलदार वृक्षों को काटते आ रहे हैं। पेड़ों को काटने की अनुमति ग्राम पंचायत से भी नहीं ली गई है।
ग्राम पंचायत नेरूआ निवासी अमरसिंह ने बताया कि मैं अपने घर में नहीं था, कुछ लोग लकड़ी काटने वाली मशीन लेकर आए और मेरे पट्टे की जमीन में लगे आम के पेड़ को काट दिया गया जबकि आम के पेड़ में फल भी लगे हुए थे। कटी हुई लकड़ी को ट्रक में लोड करने के लिए लकड़ी तस्करों हाइड्रा मशीन का उपयोग करते हैं।
ग्राम पंचायत नेरूआ के आश्रित ग्राम करचा निवासी धर्मपाल ने बताया कि मेरे खेत में पांच आम के पेड़ और एक जामुन का पेड़ था जिसे ठेकेदार ने काट दिया जिसके एवज में मुझे मात्र पांच हजार रुपए ही दिए। आम की लकड़ी ठेकेदार लेगया और जामुन की लकड़ी कुछ दिन बाद ले जाने को कहा है।
ग्राम पंचायत घघरा निवासी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे आम के पेड़ को रात के अंधेरे में ठेकेदार मशीन से पेड़ काट रहा था। तब हम लोग आए तो देखें की पेड़ कट चुका था। जबकि पूरे पेड़ में छोटे-छोटे आम के फल लगे हुए थे।
मामले में कोटाडोल तहसीलदार नीरज कांत तिवारी का कहना है कि पेड़ों को काटने की अनुमति हमसे नहीं ली गई है। हल्का पटवारियों को जांच के लिए भेजुंगा।