स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बांटे गए ट्राईसाईकिल हुए कबाड़, लाखों की लागत से बने सेग्रीगेशन शेड़ का नहीं हो रहा उपयोग....

स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुछ ग्राम पंचायतों में 5 ट्राईसाईकिल, कुछ में 3 ट्राईसाईकिल और कुछ ग्राम पंचायतों में 2 ट्राईसाईकिल बांटी गई थी मगर ट्राईसाईकिल का उपयोग में न आना और कबाड़ में तब्दील होना एक गंभीर समस्या है। प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और स्थानीय स्तर पर इन ट्राईसाईकिल के रखरखाव और उपयोग की व्यवस्था करनी चाहिए।
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत इन ट्राईसाईकिल का काम डोर टू डोर जाकर अपशिष्ट संग्रह करना था, जिसकी जिम्मेदारी स्वच्छाग्राही महिला समूह को सौंपी गयी थी, जिसके तहत सप्ताह में 2 दिन दूर तो दूर कचरा संग्रहण किया जाना था। और उन कचरो को इकट्ठा करके ग्राम पंचायत में बने सेग्रीगेशन शेड में ले जाकर कचरो को अलग-अलग हिस्सों में बांटना था। और
सेग्रीगेशन शेड में लगी मशीनों के द्वारा कचरो को रिसाइकलिंग करना था। मगर सही रख रखा और सही तरीके से उपयोग ना होने के कारण यह योजना विफल होती दिख रही है।
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शासन ने लाखों रुपए खर्च करके ट्राईसाईकिल और सेग्रीगेशन शेड ग्राम पंचायतों को उपलब्द कराया गया था मगर सही रख रखाव और सही संचालन ना होने कारण यह योजना विफल होती नजर आ रही है।
मामले में जब हमारी बात मुंडा टोला बैगा स्व सहायता समुह माडीसरई की अध्यक्ष फूलमती बैगा से हुई तो उनके द्वारा बताया हमारे समूह ने गौठान में कार्य किया था जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसलिए हम महिलाएं स्वच्छाग्राही का काम नहीं कर रही है।
वही माडीसरई सरपंच लाल सिंह का कहना है कि महिला समूह गौठान में कार्य किए थे जिसकी मजदूरी महिलाओं को अभी तक नहीं मिली है इस कारण महिलाएं स्वच्छाग्राही का काम करने से मना कर रही है। अब हमने यह काम पुरुषों को दे दिया है।
वही ग्रामपंचायत सिंगरौली की ज्वालामुखी स्वा सहायता समूह की अध्यक्ष शशिकंवर ने कहा की ग्राम पंचायत में ट्राई साइकिल है। मगर उसके संचालन के लिए हम महिलाओं को आज तक किसी ने नहीं कहा। एक भी दिन यह ट्राई साइकिल डोर टु डोर अपशिष्ट संग्रहण करने नहीं गए।
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