नगर पंचायत जनकपुर का गठन होते ही भाजपा में अंदरूनी विवाद शुरू

Madan Tiwari

 नगर पंचायत जनकपुर का गठन होते ही भाजपा में अंदरूनी विवाद शुरू

नगर पंचायत जनकपुर का गठन होते ही भाजपा जिला उपाध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्रा नगर पंचायत अध्यक्ष के पद को लेकर नाराज दिखे उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय विधायक को पत्र लिखकर नगर पंचायत जनकपुर के समिति का अध्यक्ष महिला आदिवासी को मनोनीत करने की बात कही।

दुर्गा शंकर मिश्रा ने पत्र में बताया गया है कि ग्राम पंचायत जनकपुर को भंग कर नगर पंचायत जनकपुर का गठन किया गया जिसमें अशोक सिंह को अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया गया है जबकि आदिवासी महिला को ही अध्यक्ष पद में मनोनीत होना चाहिए क्योंकि नगर पंचायत जनकपुर के अध्यक्ष पद का आरक्षण नहीं हुआ है। और जिस तरह सामान्य वर्ग को अध्यक्ष बनाया गया है वह नियम विरुद्ध है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल केसरवानी द्वारा मनमानी ढंग से अध्यक्ष एवं सदस्यों को मनोनीत हेतु नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग के यहां से जो सूची भेजी गई है वह पूर्णता गलत है। उक्त नगर पंचायत के समिति गठन में क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह कभी अनुमोदन नहीं लिया गया है। और उन्होंने निवेदन किया है कि समिति का अध्यक्ष पद किसी महिला आदिवासी को ही मनोनीत किया जाए जिससे आदिवासी बहुल क्षेत्र में आदिवासियों को न्याय मिल सके।

अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि मैं भाजपा में 40 वर्षों से कार्य कर रहा हूं। और मुझे जो काम सौंपा जाता है मैं उसे ईमानदारी से करता हूं। मुझे पार्टी द्वारा मनोनीत किया गया है और जो कार्य मुझे पार्टी ने सौंपा है मैं उसका निर्वहन करुंगा। उन्होंने विधायक रेणुका सिंह, अनिल केसरवानी को धन्यवाद ज्ञापित किया है जिन्होंने इस कार्य के लिए उन्हें चुना है। मैं नगर पंचायत जनकपुर की जनता के साथ मिलकर कार्य करूंगा जैसे सफाई का कार्य चालू कर दिया गया है।

अधिवक्ता आदित्य गुप्ता (भाजपा किसान मोर्चा)का कहना है कि हमारे संगठन का नियम है कि पार्टी ने जिस व्यक्ति को जो कार्य सौंपा है, वह कार्य वह ईमानदारी से करता है। यही हमारे पार्टी का नियम है, रही बात अशोक सिंह की तो वह पार्टी के दिए हुए कार्य पहले भी करते आए हैं। और अपने कर का निर्माण अच्छे से करेंगे।

ग्राम पंचायत जनकपुर के उप सरपंच अंकुर प्रताप सिंह का कहना है कि यहां की जनता ने हम लोगों को चुना है मगर इस नगर पंचायत के समिति में सरपंच और उप सरपंच का नाम नहीं है। ग्राम पंचायत की महिला आदिवासी सरपंच को ही अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत करना चाहिए था। क्योंकि यहां की जनता ने उन्हें चुना था।

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