नगर पंचायत जनकपुर का गठन होते ही भाजपा में अंदरूनी विवाद शुरू

दुर्गा शंकर मिश्रा ने पत्र में बताया गया है कि ग्राम पंचायत जनकपुर को भंग कर नगर पंचायत जनकपुर का गठन किया गया जिसमें अशोक सिंह को अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया गया है जबकि आदिवासी महिला को ही अध्यक्ष पद में मनोनीत होना चाहिए क्योंकि नगर पंचायत जनकपुर के अध्यक्ष पद का आरक्षण नहीं हुआ है। और जिस तरह सामान्य वर्ग को अध्यक्ष बनाया गया है वह नियम विरुद्ध है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल केसरवानी द्वारा मनमानी ढंग से अध्यक्ष एवं सदस्यों को मनोनीत हेतु नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग के यहां से जो सूची भेजी गई है वह पूर्णता गलत है। उक्त नगर पंचायत के समिति गठन में क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह कभी अनुमोदन नहीं लिया गया है। और उन्होंने निवेदन किया है कि समिति का अध्यक्ष पद किसी महिला आदिवासी को ही मनोनीत किया जाए जिससे आदिवासी बहुल क्षेत्र में आदिवासियों को न्याय मिल सके।
अधिवक्ता आदित्य गुप्ता (भाजपा किसान मोर्चा)का कहना है कि हमारे संगठन का नियम है कि पार्टी ने जिस व्यक्ति को जो कार्य सौंपा है, वह कार्य वह ईमानदारी से करता है। यही हमारे पार्टी का नियम है, रही बात अशोक सिंह की तो वह पार्टी के दिए हुए कार्य पहले भी करते आए हैं। और अपने कर का निर्माण अच्छे से करेंगे।
ग्राम पंचायत जनकपुर के उप सरपंच अंकुर प्रताप सिंह का कहना है कि यहां की जनता ने हम लोगों को चुना है मगर इस नगर पंचायत के समिति में सरपंच और उप सरपंच का नाम नहीं है। ग्राम पंचायत की महिला आदिवासी सरपंच को ही अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत करना चाहिए था। क्योंकि यहां की जनता ने उन्हें चुना था।
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