कइ वर्षों से प्राथमिक शाला की मांग करता कुदरा पा मगर शिक्षा विभाग की आंखें बंद, बच्चो को कब मिलेगी स्कूली शिक्षा

Madan Tiwari

 कइ वर्षों से प्राथमिक शाला की मांग करता कुदरा पा मगर शिक्षा विभाग की आंखें बंद, बच्चो को कब मिलेगी स्कूली शिक्षा 

शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के दावे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अनेकों गांव में प्राथमिक शिक्षा की हालत बेहद खराब है। लोग अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं, लेकिन विद्यालय के न होने से उनके सपनों को पंख नहीं लग पा रहा है। शिक्षा ना मिलने से शिक्षा के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर हैं।

एमसीबी जिले का ग्राम पंचायत कुदरा पा आज भी मूलभूत सुविधाओं से है काफी दूर। यहां छोटे-छोटे बच्चों के पढ़ने के लिए नहीं है कोई प्राथमिक विद्यालय जबकि यहां के बच्चों की संख्या लगभग 50 से 60 की होगी।हालांकि शिक्षा विभाग के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाती है। मगर वह भी 3 महीने ही चलती है। यहां के ग्रामीण प्राथमिक शाला के लिए मांग कर रहे हैं वैकल्पिक व्यवस्था की नही

ग्राम पंचायत कुदरा पा में प्राथमिक शाला में पढ़ने के लिए लगभग 50 बच्चे होंगे जिसमें से आधे बच्चे ही प्राथमिक शाला में पढ़ पाते हैं जो ग्राम पंचायत कुदरा पा से दूर जनकपुर में रहकर पढ़ाई करते हैं। इस ग्राम पंचायत में कुछ ऐसे गरीब परिवार भी हैं जो अपने बच्चों को अपने ग्रह ग्राम से बाहर रहकर पढ़ाई करवाने में असक्षम हैं। यह परिवार गरीब है। और विद्यालय ना होने के कारण इन गरीबों के बच्चे अपनी प्राथमिक शाला की पढ़ाई नहीं पढ़ पा रहे हैं। जिससे इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय की ओर लगातार जाता जा रहा है।

नवीन ग्राम पंचायत में पंचायत भवन बना मगर प्राथमिक शाला नहीं:- नवीन ग्राम पंचायत कुदरा पा  में लाखों रुपए खर्च करके ग्राम पंचायत बनवा दिया गया मगर बच्चों के पढ़ने के लिए प्राथमिक शाला नहीं बनवाया गया।

बच्चों को जानवरों का बना रहता है भय :- ग्राम पंचायत कुदरा पा की दूरी जनकपुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर होगी। जिसमें बीच रास्ते में चयूल प्राथमिक विद्यालय है जो लगभग ग्राम पंचायत कुदरा पा से 15 किलोमीटर दूर है मगर यह जो 15 किलोमीटर का रास्ता है वह जंगल से होकर गुजरता है। ग्राम पंचायत कुदरा पा के छोटे-छोटे बच्चे अपने ग्राम पंचायत से पढ़ने के लिए च्यूल या  जनकपुर आते हैं। जिन्हें विद्यालय में पढ़ाई करके 15 से 20 किलोमीटर वापस जाना भी पड़ता है।घर वापस लौटते समय शाम हो जाने के कारण बच्चों को जंगली जानवरों का भी भय बना रहता है।

ग्रामीणों का कहना है कि :- ग्राम पंचायत कुदरा पा के कार्तिकेय सिंह, प्रेम सुंदर, लौकेश सिंह,रामकुमारी, विनोद सिंह और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि हमारे द्वारा ग्राम पंचायत की ओर से कई बार अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है कि हमारे ग्राम पंचायत में प्राथमिक शाला खोलने की आवश्यकता है। मगर अधिकारियों द्वारा बात नहीं सुनी गई और यहां के आधे बच्चे खेलते कूदते ही अपना समय बिता दे रहे हैं। 

प्राथमिक शाला के लिए कई बार लगा चुके गुहार  :- ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के द्वारा ग्राम पंचायत कुदरा पा मे प्राथमिक शाला खोलने के लिए भरतपुर तहसीलदार, भरतपुर एसडीएम, जनपद सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी, पूर्व विधायक गुलाब कमरों, वर्तमान विधायक रेणुका सिंह को भी मांग के लिए लिखित आवेदन दिया जा चुका है। मगर प्राथमिक शाला हमारे गांव में नहीं खुला।

प्राथमिक शाला खोलने के लिए पात्र:- जहां शासन का नियम कहता है कि 2 किलोमीटर की दूरी में एक प्राथमिक शाला होना चाहिए और विद्यालय में 30 बच्चे होने चाहिए। वही कुदरा पा से दूसरे प्राथमिक विद्यालय की दूरी 15 किलोमीटर है और प्राथमिक शाला में पढ़ने योग्य बच्चों की संख्या लगभग 50 होगी। फिर भी विद्यालय नहीं खुल रहा।

तीन छात्रों के लिए प्राथमिक शाला  :-  हम बात करें प्राथमिक शाला चिखली की तो इस विद्यालय में एक शिक्षक के बीच में मात्र तीन छात्र ही है। ऐसे विद्यालयों को स्थानांतरित कर ग्राम पंचायत कुदरा पा में प्राथमिक शाला खोला जा सकता है।

प्राथमिक शाला खोलने केंद्र से मिलेगी मंजूरी :- मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी इस्माइल खान ने बताया कि ग्राम पंचायत कुदरा पा में प्राथमिक शाला खोलने के लिए हमारे यहां से प्रस्ताव जिला भेज दिया गया है। और जिला से केंद्र भी भेज दिया गया है। मगर अभी तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है। केंद्र से मंजूरी मिलते ही कुदरा पा मैं प्राथमिक शाला खोला जाएगा।

  👆👆👆 2 साल पहले भी थे यही हालत वीडियो देखें

                                  समाप्त

--------------------------------------------------------------------

Flash Back